किरीट सवैया
किरीट सवैया
प्यार सवार रहे मन में बुधि शुद्ध बने शुभ नाम प्रसारण।
गाँव-गिरांव रहे मनमोहक मानव हों अति स्नेह परायण।
राम सुसंस्कृति विस्तृत हो हरि धाम बने हर गेह रमायण।
सुंदरता प्रिय सौम्य लगे नित होय सुखान्तक दृश्य प्रचारण
सत्य दिखें प्रतिमान सभी छवियाँ मनहर्षक शीघ्र सुहावन।
गीत लिखें सब प्रेम पिपासु सुनें सब गान-बजान लुभावन।
जाम लगे प्रिय सन्तन का सब दान करें शिव अक्षर पावन।
मूल्य सभी अनमोल बहें मन की हर वृत्ति बने शिव पावन।
Renu
23-Jan-2023 03:40 PM
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